आरजेडी चीफ के रूप में, बहुत जल्द होगी तेजस्वी यादव की ताजपोशी

आरजेडी चीफ के रूप में, बहुत जल्द होगी तेजस्वी यादव की ताजपोशी

आरजेडी चीफ के रूप में

आरजेडी चीफ के रूप में, बहुत जल्द होगी तेजस्वी यादव की ताजपोशी

पिता लालू प्रसाद यादव की तरह ले रहे हैं सारे पार्टीगत और नीतिगत फैसले

पटना (बिहार) : राजनीति का एक कालखंड ऐसा था जब आरजेडी का मतलब सिर्फ लालू प्रसाद यादव और लालू प्रसाद यादव का मतलब सिर्फ आरजेडी होता था। लेकिन अब पार्टी की पूरी कमान, एक तरह से लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथ में है। गौरतलब है कि तेजस्वी यादव भी लालू प्रसाद यादव की राह पर चलते नजर आ रहे हैं। वो लगातार अपने सहयोगी दलों के साथ-साथ अपने परिवार को भी ये मेसेज देते नजर आ रहे हैं कि अब आरजेडी का मतलब तेजस्वी यादव है और तेजस्वी यादव का मतलब आरजेडी है। वो ना तो सहयोगी दलों के दबाव में आ रहे हैं और ना ही राजनीति में अपने परिवार का कोई हस्तक्षेप ही बर्दाश्त कर रहे हैं। आरजेडी से राजसभा सांसद अपनी बड़ी बहन मीसा भारती को भी वे कोई खास तवज्जो नहीं देते हैं। इधर, राजनीतिक हिस्सेदारी की माँग करने वाले अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव को भी वे लगातार उनकी हैसियत का अहसास कराते आ रहे हैं।

इस बार विधान परिषद् की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के पहले, जब फिर से तेज प्रताप यादव ने उनके सामने 25 फीसदी सीटों की माँग की और नहीं देने पर चुनाव हार जाने की धमकी दी, तो तेजस्वी यादव ने पहले की तरह ही उन्हें नजर-अंदाज कर दिया। गौरतलब है कि बिहार विधान परिषद (एमएलसी) की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव को देखते हुए, तेज प्रताप यादव ने अपने समर्थकों के लिए सीट की डिमांड रख दी थी। तेज प्रताप यादव ने कहा था कि एमएलसी चुनाव में उन्हें अपने समर्थकों के लिए 25 फीसदी सीटें चाहिए। लालू के बड़े बेटे एमएलसी की 6 सीटें अपने समर्थकों के लिए चाहते हैं। तेज प्रताप यादव के बेहद करीबी प्रशांत यादव ने कहा है कि अगर आरजेडी विधान परिषद की 6 सीटें छात्र जनशक्ति परिषद को देती है, तो छात्र जनशक्ति परिषद का पूरा समर्थन आरजेडी के बाँकि उम्मीदवारों को मिलेगा। तेज प्रताप यादव ने यहाँ तक कह दिया है कि आरजेडी को समझना चाहिये कि श्रीकृष्ण रूपी तेज प्रताप यादव के बिना पार्टी में उम्मीदवारों की जीत असंभव है। इसका सबूत दो सीटों पर हुए विधानसभा के उपचुनाव में मिल चुका है। कुछ दिनों पहले तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें आरजेडी को दोनों सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। तेज प्रताप के समर्थक कह रहे हैं कि श्रीकृष्ण की नाराजगी के कारण, उस चुनाव में आरजेडी की हार हुई थी। लेकिन तेजस्वी यादव ने उनकी इस माँग को नजर अंदाज कर के ये साबित कर दिया है कि वो किसी के दबाव में नहीं आने वाले हैं। जाहिर तौर पर, तेजस्वी यादव अपने बड़े भाई की इस माँग और धमकी से बेपरवाह नजर आ रहे हैं। अभी कांग्रेस के साथ भी कोई समझौता नहीं हुआ है और इस बीच तेजस्वी यादव ने 24 में से आरजेडी के 10 उम्मीदवारों के नाम की सूची फाईनल कर दी है। उन्होंने जिन उम्मीदवारों के नाम फाईनल किये हैं, उनमें वैशाली से सुबोध कुमार, औरंगाबाद से अनुज कुमार सिंह, रोहतास से कृष्ण कुमार सिंह, गया से रिंकू यादव, भोजपुर से अनिल सम्राट, दरभंगा से उदय शंकर यादव, सीतामढ़ी से खब्बू खरियार, पश्चमी चंपारण से इंजीनियर सौरभ कुमार और कोशी से डॉक्टर अजय कुमार सिंह के नाम शामिल हैं। दीगर बात है कि एक बार फिर से उन्होंने कांग्रेस के साथ- साथ अपने बड़े भाई को औकात दिखा दी है। आरजेडी चीफ का बिना ताज पहने ही, तेजस्वी यादव खुद को स्वघोषित चीफ बताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वैसे, यह तय माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव के लगातार अस्वस्थ रहने से, बहुत जल्द ही तेजस्वी यादव की ताजपोशी बतौर आरजेडी चीफ हो जाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह